नौकरशाही पर बोले हरीश रावत, अधिकारियों को डर-विपक्षी नेता का किया आदर तो फिर विदाई तय
देहरादून : पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि शिकायत हर विपक्षी नेता और सामाजिक कार्यकर्ता की है। अधिकारियों को हमेशा यह डर सताता है कि यदि भाजपा तक यह खबर पहुंच गई कि उन्होंने अमुक विपक्षी नेता का फोन उठाकर आदर सत्कार किया तो फिर उनकी विदाई तय है।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने विधायक मदन बिष्ट के बहाने प्रदेश की नौकरशाही पर हमला किया है। उन्होंने अधिकारियों पर सीधे तौर पर विपक्षी नेताओं के फोन नहीं उठाने और उन्हें सम्मान नहीं देने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि मलाईदार और महत्वपूर्ण पदों पर बैठे अधिकारी इस सोच के साथ विपक्षी नेताओं के फोन नहीं उठाते कि कहीं सरकार में बैठे हुए लोग उनसे नाराज नहीं हो जाएं।
अपनी एक फेसबुक पोस्ट में पूर्व सीएम ने कहा कि यह अकेले विधायक मदन बिष्ट की समस्या नहीं है, यह शिकायत हर विपक्षी नेता और सामाजिक कार्यकर्ता की है। अधिकारियों को हमेशा यह डर सताता है कि यदि भाजपा तक यह खबर पहुंच गई कि उन्होंने अमुक विपक्षी नेता का फोन उठाकर आदर सत्कार किया तो फिर उनकी विदाई तय है।
हरीश ने कहा कि राज्य में कुछ अधिकारी अच्छा काम भी कर रहे हैं। हम उनकी सार्वजनिक प्रशंसा इसलिए नहीं करते हैं कि कहीं इससे उनकी पोस्टिंग पर कोई असर न पड़े। आज प्रदेश की राजनीति का रुख कुछ ऐसा हो चला कि है कि विपक्ष के नेताओं का टेलीफोन न उठाना, भाजपा और वर्तमान सत्ता के प्रति उनकी वफादारी का मापदंड बन गया है।