हरियाणा। हरियाणा के सूरजकुंड में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने भाजपा क्षेत्रीय पंचायत राज परिषद के दो दिवसीय सम्मेलन का उद्घाटन किया है। यह कार्यक्रम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आभासी उपस्थिति से शोभायमान हुआ।
सम्मेलन का उद्देश्य क्षेत्रीय शासन और पंचायत राज संस्थानों की भूमिका से संबंधित प्रमुख मुद्दों पर चर्चा और विचार-विमर्श करना है। सम्मेलन में 7 राज्यों के 181 जिला पंचायत अध्यक्ष उपाध्यक्षों ने प्रतिभाग किया। उत्तराखण्ड़ से जिला पंचायत संगठन की प्रदेश अध्यक्ष सोना सजवाण समेत सभी जिलों की जिला पंचायत अध्यक्ष व उपाध्यक्षों ने भी हिस्सा लिया।
टिहरी जिला पंचायत के कार्यो की हुई सराहना
सम्मेलन में उत्तराखण्ड के जिला पंचायतों के द्वारा किए जा रहे कार्यो की भी प्रर्दशनी लगाई गयी थी, जिसमें उत्तराखण्ड के टिहरी जिला पंचायत के अध्यक्ष सोना सजवाण द्वारा किए गये कई कार्यो की जमकर सराहना हुई, जी-20 के दौरान टिहरी के औणी गांव में जिला पंचायत द्वारा बनाया गया हाईटेक शौचालय, रौतू की वैली में जिला पंचायत टिहरी द्वारा बनाया गया प्रतिक्षालय और प्रवेश द्वार, प्रतापनगर में कॉम्प्रेटर सेट और ओपन जिम और विकासखण्ड भिलंगना के अखोली में जिला पंचायत द्वारा बनाया गया सीसी मार्ग की सभी ने खूब सराहना की, टिहरी जिला पंचायत द्वारा 2 किलोमीटर की खड़ी चढ़ाई पर गजा घण्टाकर्ण में बनायी गयी सोलर पम्पिंग योजना को मिशाल के तौर पर जिला पंचायत के कार्यो में गिना गया, ये योजना उत्तराखण्ड़ के किसी जिला पंचायत द्वारा बनायी गयी पहली सोलन पम्पिंग योजना है, दरअसल यहां पर भगवान घण्टाकर्ण की पूजा करने 45 गांवों के लोग आते थे लेकिन यहां पेयजल की व्यवस्था नही थी।
सम्मेलन में उत्तराखण्ड़, राजस्थान, उत्तरप्रदेश, हरियाणा, हिमांचल, जम्मूकश्मीर व लेह लदाख के 181 जिला पंचायत अध्यक्ष उपाध्यक्षों ने प्रतिभाग किया, उत्तराखण्ड़ से भी जिला पंचायत संगठन की प्रदेश अध्यक्ष सोना सजवाण समेत सभी जिलों की जिला पंचायत अध्यक्ष व उपाध्यक्षों ने भी हिस्सा लिया।
सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा ने इस तरह के सम्मेलनों के महत्त्व पर जोर दिया और बताया कि पिछले साल देश भर के सभी महापौरों को व्यापक प्रशिक्षण और मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्रदान की गई थी।
राष्ट्रीय अध्यक्ष ने आगे कहा कि इस वर्ष भी अपने प्रयासों को जारी रखते हुए सम्मेलन को तीन समूहों में विभाजित किया गया है। पहले समूह में 82 प्रतिनिधि शामिल हैं। 7 से 8 अगस्त तक उत्तर भारत के उत्तरी राज्यों पर ध्यान केंद्रित करेंगे।