भगवान सिंह/देहरादून। उत्तराखण्ड़ से बड़ी खबर है। उत्तराखंड के बहुचर्चित अकिंता हत्याकाण्ड मामले में अंकिता हत्याकांड की पैरवी कर रहे सरकारी वकील को बदल दिया गया है। लंबे समय से अंकिता भण्डारी के परिजन सरकारी वकील को हटाये जाने की मांग कर रहे थे, इसके लिए पौड़ी समेत कई स्थानों पर अंकिता के परिजनों व स्थानीय जनता ने प्रदर्शन भी किया था।
अकिंता हत्याकाण्ड
अंकिता के परिजनों का आरोप था कि उनका वकील केस को जानबूझकर कमजोर कर रहा था, जिसे लेकर वह लगातार वकील को बदलने की मांग कर रहे थे।मांग पूरी न होने पर अंकिता की माँ ने भूख हड़ताल, और आत्मदाह की चेतावनी दी थी।
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पूरे मामले में जिलाधिकारी पौड़ी डॉ आशीष चौहान ने बताया कि सरकारी वकील ने खुद को अंकिता हत्याकांड से अलग कर दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा जो भी अन्य वकील अंकिता हत्याकांड की पैरवी के लिए नियुक्त किया जाएगा, वह वकील अंकिता के परिजनों की सलाह के बाद ही इस हत्याकांड की पैरवी करेगा।
खुद सरकारी वकील ने सीएम को भेजा पत्र
आपको बतादें कि भारी विवाद के बाद अंकिता हत्याकांड से सरकारी वकील ने खुद केस से हटने के लिए आज ही सीएम कोे पत्र भेजा है। जिसपर अंकिता के परिजनों ने संतोष व्यक्त किया है। अंकिता के परिजनों ने कहा कि अब 17 जुलाई से प्रस्तावित धरना भी स्थगित कर दिया गया है।
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शनिवार को अंकिता के परिजन डीएम से मिलने पहुंचे थे। इस दौरान डीएम डा.आशीष चौहान ने अंकिता के परिजनों को बताया कि सरकारी वकील ने इस केस से हटने की खुद इच्छा जताते हुए सीएम को ज्ञापन भेज दिया है। अंकिता की मा सोनी देवी व पिता वीरेंद्र भंडारी ने कहा कि वे इस फैसले से संतुष्ट है और 17 जुलाई से प्रस्तावित धरना कार्यक्रम स्थगित कर दिया है। इस दौरान अंकिता की मां सोनी देवी ने सीएम से अंकिता के नाम से नर्सिंग कालेज का नाम रखने की मांग जल्द पूरा करने की मांग उठाई।